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दोस्तों आज मैं आपको एक ऐसी स्कूल की कहानी सुनाने जा रही हूं, जिससे सुनने के बाद आप लोग सोचने पे मजबूर हो जाएंगे, कि ऐसे ऐसे स्कूल और कॉलेज में लोग अपने बच्चों को पढ़ने के लिए भेजते हैं, लेकिन वहाँ का मास्टर उनके सा�

काम कर देते हैं, जिनकी आप कल्पना भी नहीं कर सकते. आज मैं पूरी कहानी आपको बताने आई हूं, लेकिन उससे पहले आप

लोगों से एक निवेदन करती हूं कि चैनल को सबसक्राइब जरूर कर दे, क्योंकि पूरे दिन लग जाते हैं विडियो को बनाने में और विडियो तो आप जैसे दोस्तों के लिए ही बनाते हैं, तो हमें सपोर्ट करना आपका ही फर्ज बनता है, तो प्लीज सबसक्राइ

पर पहनते थे गले में रुद्राक्ष की माला पैर में लाल रंग की चम्रे की सैंडल शुकला जी सुभा चार बजे उठकर यमुना नदी जाकर नहाते थे, पुर्व में उकते हुए सूर्य को जल देते थे, हनुमान चालीज शिव चलीशा पढ़ते थे, इतना ही नहीं सा

चाल में एक बार वैस्नो देवी या साई बाबा के दरबार जाकर मठथा टेकते थे, नवंबर आने पर वो जागरण करवाते थे और महाकुम भाने पर कलपवास करने जरूर जाते थे, इस तरह शुकला जी बड़े धारमिक विचार वाले आदमी थे, उनका उम्र यही को�

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